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पुलिस ने आदिवासियों का करवाया फर्ज़ी आत्मसमर्पण

रायपुर | संवाददाता:बस्तर में ग्रामीणों को पकड़ कर पुलिस लाखों रुपये का इनामी माओवादी बता कर उनका फर्ज़ी आत्मसमर्पण करवा रही है. ताज़ा मामला कांकेर का है, जहां पुलिस ने 32 लाख रुपये के कथित माओवादियों के आत्मसमर्पण का दावा किया है.

कांकेर पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों के खोखली विचारधारा, उनके शोषण, अत्याचार, हिंसा से तंग आकर सी.पी.आई. माओवादी संगठन उत्तर बस्तर डिवीजन के अंतर्गत परतापुर, रावघाट एरिया कमेटी/गढ़चिरौली डिवीजन में सक्रिय नक्सली जिन पर शासन की ईनाम पॉलिसी के तहत उक्त 03 माओवादी सदस्यों पर 08-08 लाख, 01 माओवादी सदस्य पर 05 लाख एवं 03 माओवादी सदस्यों पर 01-01 लाख रुपये का ईनाम घोषित है,
ने आत्मसमपर्ण किया है.

इस कथित आत्मसमर्पण में टेकामेटा के 20 साल के दिनेश मट्टामी पिता पेका मट्टामी भी शामिल हैं. पुलिस का दावा है कि 20 साल का दिनेश 2021 से नक्सल संगठन में था और मिलिट्री कंपनी नंबर 10 का सदस्य था. इस पर 8 लाख रुपये का इनाम था. पुलिस ने इसे 2021 से 2024 तक प्रमुख नक्सल घटनाओं में शामिल बताया है. इसके अलावा 2024 में हिदूर सड़क निर्माण में इसे शामिल बताया है.

जबकि टेकामेटा के ग्रामीणों का आरोप है कि दिनेश को पिछले साल 17 नवंबर को कांकेर ज़िले के पखांजूर की पुलिस गांव से उठा कर ले गई थी. परिजनों ने कई बार थाने में पहुंच कर उसे छोड़ने की गुहार भी लगाई. लेकिन पुलिस परिजनों को आश्वस्त कर उन्हें वापस भेज देती थी.


इस घटना का भयावह पहलू ये है कि लगातार थाने में संपर्क करने और पुलिस थाने जाने के कारण संदिग्ध माओवादियों ने दिनेश के भाई सुरेश मट्टामी को पुलिस का मुखबिर बता कर 5 जनवरी को मार डाला.

अब इतने दिनों बाद पुलिस ने दिनेश मट्टामी पर गंभीर वारदातों में शामिल होने और उसके इनामी माओवादी होने का आरोप लगाते हुए उसका आत्मसमर्पण का दावा किया है.