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बुवाई-रोपाई के बाद निंदाई में जुटे किसान

रायपुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ में किसान बुवाई, रोपाई के बाद अब निंदाई के काम में जुट गए हैं.पर्याप्त बारिश होने से यहां खेती-किसानी का काम समय के अनुकूल हो रहा है.

गिरदावरी में शुरूआती रिपोर्ट के आधार पर अनुमान है कि इस साल धान का रकबा, पिछले साल के मुकाबले बढ़ सकता है.

समय पर काम हो जाने से इस बार अभी तक फसल भी अच्छी है.

राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश में इस साल खरीफ सीजन के धान की बुवाई भी सौ प्रतिशत हो गई है.

बुवाई पूरी होते ही राजस्व विभाग ने फसलों की गिरदावरी का काम भी शुरू कर दिया है.

किसानों का कहना है कि यही समय है, जब फसलों को सबसे ज्यादा देखभाल करने की जरूरत पड़ती है. तनाछेदक सहित अन्य बीमारी का प्रकोप भी इसी समय होता है.

फसलों पर आने वाले बीमारियों को समय पर पहचान करना जरूरी है.थोड़ा भी विलंब करने से फसल को काफी नुकसान होता है.

इसीलिए समय पर खाद और दवाई का छिड़कान करना जरूरी है.

पटवारियों ने शुरू किया गिरदावरी

पटवारी पूरे प्रदेश में अपने-अपने हल्का क्षेत्र में फसलों की गिरदावरी के काम में लग गए हैं.

पटवारियों का कहना है कि गिरदावरी का काम अगस्त महीने से शुरू हुआ है, जो सितंबर के पूरे महीने तक चलेगा.

गिरदावरी का काम मैन्युयअल और ऑनलाइन दोनों सिस्टम से किया जा रहा है.

गिरदावरी में किसानों के खातों में जमीन के रकबा के अनुसार कितने में धान या अन्य कोई फसल लगाई गई है, उसका उल्लेख किया जाता है.

इसी रिपोर्ट के आधार पर ही किसान धान बेच सकते हैं.

गिरदावरी करने के बाद गांवों में प्रति किसान फसल क्षेत्राच्छादन का प्रारंभिक प्रकाशन किया जाएगा.

इसके बाद दावा आपत्ति मंगाया जाएगा. प्राप्त दावा-आपत्ति का निराकरण करने के बाद अंतिम सूची को विभाग के सॉफ्टवेयर में डाला जाएगा.

कुछ इलाकों में किसान पटवारियों के पास रिकार्ड सुधरवाने भी पहुंच रहे हैं. रिकार्ड नहीं सुधरवाने पर जमीन के रिकार्ड में पड़त भूमि लिख दी जाती है.

ऐसे में संबंधित किसान का धान बेचने के लिए पंजीयन भी नहीं किया जाता है.

धान की बुवाई 100 फीसदी

राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में कुल 3865.09 हेक्टेयर में धान की बुवाई हो चुकी है, जो लक्ष्य का सौ प्रतिशत है.

इसमें से बोता पद्धति से 2712.63 हेक्टेयर रकबे में धान की बुवाई की गई है.

जबकि पिछले साल इसी अवधि तक 2676.53 हेक्टेयर में धान बोया गया था.

इसी तरह रोपा से अब तक 1152.46 हेक्टेयर रकबे में धान लगाया गया है.

बढ़ सकता है धान का रकबा

जिस तरह से गिरदावरी में शुरूआती रिपोर्ट मिल रहे हैं, उसके अनुसार इस साल धान का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ सकता है.

जो किसान पिछले साल अपने खेतों में धान नहीं लगाए थे, उन्होंने भी इस साल धान की बुवाई की है.

कई किसान ऐसे भी हैं, जो पिछले साल तक सब्जी-भाजी या अन्य फसल ले रहे थे. लेकिन प्रति क्विंटल धान की कीमत 3100 रुपये होने के बाद ऐसे किसानों ने भी धान लगाना शुरु किया है.