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माओवादी हिंसा में 10 को मिला मुआवजा, 2017-18 में 269 को मिला था

जगदलपुर | संवाददाता: माओवादी हिंसा के पीड़ित नागरिकों या पीड़ितों के परिवारों की सहायता के लिए भारत सरकार की योजना का लाभ 2021-22 में महज 10 लोगों को मिला है. इन लोगों को 35 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी गई है.

पिछले साल केंद्र की इस योजना के तहत 25 लोगों को 60,90,000 की रकम दी गई थी. 2017-18 में इस योजना का लाभ 269 लोगों को मिला था और उन्हें 4,65,30,000 की रकम दी गई थी.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की सुरक्षा संबंधी व्यय यानी एसआरई की स्कीम के तहत, भारत सरकार राज्य सरकारों को वामपंथी उग्रवाद हिंसा में मारे गए आम नागरिकों के परिवार को 2 लाख रुपए तक की अनुग्रह राशि के भुगतान की प्रतिपूर्ति करती है.

इसके अलावा भारत सरकार आतंकवादी/सांप्रदायिक/वामपंथी उग्रवाद हिंसा और सीमा-पार से गोलीबारी तथा भारतीय सीमा में विस्फोटों के पीड़ित नागरिकों/पीड़ितों के परिवार को सीएसएसीवी स्कीम के अंतर्गत मुआवजा देती है.

2009-10 में शुरु की गई इस योजना के अंतर्गत पूरे देश में माओवाद प्रभावित इलाकों में से केवल छत्तीसगढ़ के एक मामले में 3 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी गई थी.

इसी तरह छत्तीसगढ़ में 2010-11 में 24 लोगों को 72,00,000, 2011-12 में 33 लोगों को 99,00,000, 2012-13 में 6 लोगों को 18,00,000, 2014-15 में 21 लोगों को 44,10,000, 2015-16 में 3 लोगों को 6,30,000, 2016-17 में 54 लोगों को 1,11,00,000 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी गई.

इसी तरह 2017-18 में छत्तीसगढ़ के 269 लोगों को 4,65,30,000 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि प्रदान की गई.

2018-19 में छत्तीसगढ़ के 132 परिवारों को 2,21,00,000 रुपये और 2019-20 में 58 लोगों को 80,80,000 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी गई.

2020-21 में छत्तीसगढ़ के कुल 25 लोगों को 60,90,000 रुपये दिए गये.

2021-22 में 10 लाभार्थियों को 35,00,000 की प्रतिपूर्ति राशि दी गई.

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